Monday, 8 March 2021

नारी



आदर्श नारी की परिभाषा गढ़ते
समाज के ठेकेदारों से ,
बेटों को महिमामंडित करते
व्रतों और त्योहारों से ,
प्रतिभा को कुंठित करने वाले
बंद समाजों से,
दहेज़ ,भ्रूण -हत्या जैसे
सड़े-गले रीति -रिवाजों से,
नारी को नारीत्व प्रदान करते
ब्यूटी-प्रोडक्ट्स" से,
बेटियों को घर में बंद करने वाले
कोड ऑफ़ कंडक्ट"से,
बिंदिया से ,काजल से
पायल से ,करधन से ,
चूड़ी की खन-खन से,
बाजूबंद और कंगन से,
झूठी सज-धज से ,बनावटी बनठन से,
चाहिए मुक्ति
अनुशासन से नहीं
बंधन से .


प्रज्ञा,,

No comments:

Post a Comment