गाँव में बिजली जाने पर
बच्चे गिनते हैं गिनती सौ तक
इस उम्मीद में कि
सौ तक आते-आते
आ जाएगी बिजली
और नहीं आने पर
फिर से लौट आते हैं
शून्य पर
सौ तक जाने को
वैसे ही,गिनती गिन रही हूँ
मैं भी तुम्हारे इंतज़ार में
---
आरिज़ों का रंग उतरा, फ़ीका दुपट्टा पड़ गया
इक तेरे मिलने की ख़्वाहिश,में तीसरा फ़ागुन गया
मोगरा,जूही की लड़ियाँ, बोगुनविल्या की क्यारियाँ
ज़हन का पन्ना है ख़ाली, किताबों भरी अलमारियां
चम्पा सन्दल, चमेली, मुश्क कितने चख लिए
इक तेरी खुशबू न पाई, शौक़ लाखों रख लिए
---
क्या गम का साया
इतना ताकतवर हो गया
पैरो को शिथिल कर गया
आत्मा को बेजान के दिया....
पहले तो ऐसा ना था
सुन ले मेरे दिल
मैं वो जिंदा लाश नहीं
अपनी मायूसी पर रो दूँ.....
नहीं हारना मुझे
इन छोटे-छोटे हालात से
मंजिल पास नहीं
इतनी भी दूर नहीं
की छू ना सकू......
उठ रीना
हाथ बढ़ा
जब चलेगी मंजिल की ओर
अफसोस होगा दूर
छू लेगी अपनी
ख्वाहिशों को........
तुम
हाथ तो बढ़ाओ.
By
Pradnya Rasal
बच्चे गिनते हैं गिनती सौ तक
इस उम्मीद में कि
सौ तक आते-आते
आ जाएगी बिजली
और नहीं आने पर
फिर से लौट आते हैं
शून्य पर
सौ तक जाने को
वैसे ही,गिनती गिन रही हूँ
मैं भी तुम्हारे इंतज़ार में
---
आरिज़ों का रंग उतरा, फ़ीका दुपट्टा पड़ गया
इक तेरे मिलने की ख़्वाहिश,में तीसरा फ़ागुन गया
मोगरा,जूही की लड़ियाँ, बोगुनविल्या की क्यारियाँ
ज़हन का पन्ना है ख़ाली, किताबों भरी अलमारियां
चम्पा सन्दल, चमेली, मुश्क कितने चख लिए
इक तेरी खुशबू न पाई, शौक़ लाखों रख लिए
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क्या गम का साया
इतना ताकतवर हो गया
पैरो को शिथिल कर गया
आत्मा को बेजान के दिया....
पहले तो ऐसा ना था
सुन ले मेरे दिल
मैं वो जिंदा लाश नहीं
अपनी मायूसी पर रो दूँ.....
नहीं हारना मुझे
इन छोटे-छोटे हालात से
मंजिल पास नहीं
इतनी भी दूर नहीं
की छू ना सकू......
उठ रीना
हाथ बढ़ा
जब चलेगी मंजिल की ओर
अफसोस होगा दूर
छू लेगी अपनी
ख्वाहिशों को........
तुम
हाथ तो बढ़ाओ.
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