मुझे कोई पेहचानता नही
ना कोई पुच्छता है ये सवाल
कैसे हो भाई
क्यूँ हो इतने बेहाल
फुल मेहेकते हैं इधर भी
पर मेरे देस जैसी खुशबू नही
पंछी उडते हैं इधर भी
पर उनका आस्मान मेरे जैसा नही
सब कुछ होते हुए भी यहाँ
लगता है बिलकुल खाली
आस पास ना दोस्त, ना भाई
रास्ते एकदम खाली खाली
गलियां खाली, घर खाली
कमरे खाली, इन्सान खाली,
दिल परेशान और हैरान
गिनते हुए दिन
कब होगी घर वापसी
कब होगी घर वापसी
By
Mrunalini Dabke
Karlsruhe, Germany
ना कोई पुच्छता है ये सवाल
कैसे हो भाई
क्यूँ हो इतने बेहाल
फुल मेहेकते हैं इधर भी
पर मेरे देस जैसी खुशबू नही
पंछी उडते हैं इधर भी
पर उनका आस्मान मेरे जैसा नही
सब कुछ होते हुए भी यहाँ
लगता है बिलकुल खाली
आस पास ना दोस्त, ना भाई
रास्ते एकदम खाली खाली
गलियां खाली, घर खाली
कमरे खाली, इन्सान खाली,
दिल परेशान और हैरान
गिनते हुए दिन
कब होगी घर वापसी
कब होगी घर वापसी
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Mrunalini Dabke
Karlsruhe, Germany
Lovely mrunalini ☺️. Miss you here
ReplyDeleteVery true😔
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