Friday, 22 February 2019

यहाँ मैं अजनबी हून

मुझे कोई पेहचानता नही
ना कोई पुच्छता है ये सवाल
कैसे हो भाई
क्यूँ हो इतने बेहाल

फुल मेहेकते हैं इधर भी
पर मेरे देस जैसी खुशबू नही
पंछी उडते हैं इधर भी
पर उनका आस्मान मेरे जैसा नही

सब कुछ होते हुए भी यहाँ
लगता है बिलकुल खाली
आस पास ना दोस्त, ना भाई
रास्ते एकदम खाली खाली

गलियां खाली, घर खाली
कमरे खाली, इन्सान खाली,
दिल परेशान और हैरान

गिनते हुए दिन
कब होगी घर वापसी
कब होगी घर वापसी

By 

Mrunalini Dabke

Karlsruhe, Germany

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